फैटी लीवर क्या है? A fatty liver is what?
अगर सबसे पहले समझते हैं कि फैटी लीवर क्या है। लीवर की कोशिकाओं में अधिक मात्रा में फैट जमा हो जाता है। लीवर में वसा की कुछ मात्रा का होना तो सामान्य बात है लेकिन फैटी लीवर बीमारी व्यक्ति को तब होती है, जब वसा की मात्रा लीवर के भार से दस प्रतिशत अधिक हो जाती है। ऐसी स्थिति में लीवर सामान्य रूप से कार्य करने में असमर्थ हो जाता है तथा अनेक लक्षणों को उत्पन्न करता है। In accordance with Ayurvedic medicine, fatty liver is treated with ilaj.
(Fatty liver ke lakshan) आम तौर पर 40-60 वर्ष की आयु में यह देखने को मिलता है। In Hindi, the term "fatty liver" is "."
दूषित पित्त ही फैटी लीवर जैसे रोगों को जन्म देता है। अनुचित खान-पान से लीवर में विषाक्त तत्व जमा होने लगते है जिस कारण लीवर को सामान्य से अधिक कार्य करना पड़ता है। जिसके कारण लीवर में सूजन आ जाती है जो फैटी लीवर का उपचार कराने की जरूरत पड़ जाती है।
फैटी लीवर दो प्रकार के होते हैं-
1. Alcoholic fatty liver disease — एल्कोहॉल का अधिक सेवन लीवर पर फैट जमा होने का एक कारण है। शराब का ज्यादा सेवन करने से लीवर में सूजन आ सकती है तथा लीवर क्षतिग्रस्त हो सकती है।
2- Non-alcoholic fatty liver disease (NAFLD)- शराब न लेने पर भी इन स्थितियों में फैटी लीवर होने की पूरी संभावना है।
फैटी लीवर होने पर अन्य रोग होने की संभावना भी होती है। नॉन एल्कोहलिक फैटी लीवर डिज़ीज के चार चरण होते हैं।
सामान्य फैटी लीवर और स्टियाटोसिस (Normal fatty liver and steatosis)-इस चरण में लीवर में वसा का जमा होना शुरू हो जाता है किन्तु किसी भी तरह की सूजन नहीं होती। इस अवस्था में किसी भी तरह के लक्षण (Fatty Liver Symptoms in Hindi) दिखाई नहीं देते तथा केवल उचित आहार के सेवन से यह ठीक हो जाता है।
नॉन-एल्कोहलिक स्टियाटोहेपाटाइटिस (Non-alcoholic steatohepatitis)-इस अवस्था में वसा जमे हुए लीवर में सूजन आना शुरू हो जाती है। लीवर में जब सूजन आ जाता है तब वह क्षतिग्रस्त ऊतकों या टिशु को ठीक करने की कोशिश करते है, जितने ज्यादा टिशु वहाँ पर क्षतिग्रस्त होते है, लीवर उतनी तेजी से उनको ठीक करने की कोशिश करता है और इस प्रकार सूजन वाले टिशुओं में घाव हो जाती है। इस अवस्था में जब घाव वाले टिशु वहाँ पर विकसित होने लगते है तब फिब्रोसिस होने की अवस्था आती है।
फिबरोसिस (Fibrosis)-यह तब होता है जब लीवर और उसके आस-पास के ब्लड सेल्स या रक्तवाहिकाओं में स्थायी रूप से घाव वाले ऊतक या टिशुएं बनने लगते हैं। इस अवस्था में लीवर कुछ हद तक सामान्य रूप से कार्य करता रहता है। इस समय उपचार करने पर लीवर में आगे की क्षति होने से रोका जा सकता है और जो क्षति हुई है वह सामान्य अवस्था में आ सकती है। हालांकि समय के साथ ये घाव वाले ऊतकों के जगह स्वस्थ ऊतक बन जाते है। इस कारण से लीवर का कार्य प्रभावित होता है तथा सिरोसिस हो सकता है।
सिरोसिस (Cirrhosis)-इस अवस्था में लीवर सामान्य रूप से कार्य करना बंद कर देता है तथा त्वचा एवं आँखों का पीलापन जैसे लक्षण (Fatty Liver Symptoms in Hindi) दिखने लगते है। इस समय लीवर में बने जिन ऊतकों में घाव हो जाता है उनको हटाना मुश्किल हो जाता है। ज्यादातर लोगों में सामान्य फैटी लीवर (steatosis) ही पाया जाता है जो कि आहार योजना में बदलाव करके सामान्य अवस्था में लाया जा सकता है, फिबरोसिस तथा सिरोसिस को विकसित होने में 3-4 वर्ष लगते है।
फैटी लीवर होने के कारण (Causes of Fatty liver in Hindi) (Causes of Fatty liver in Hindi)
Fatty liver disease is referred to as "fatty liver ka ilaj" and is characterised by the following symptoms: इसलिए फैटी लीवर को होने से रोकने के लिए सबसे पहले आम कारणों के जान लेना जरूरी है जिससे वयस्कों के साथ बच्चों में होने के संभावनाओं को रोका जा सकता है, साथ ही घरेलू उपायों को शारीरिक अवस्था को संभाला जा सकता है। फैटी लीवर होने के आम कारण निम्नलिखित है-
अत्यधिक शराब पीना \sआनुवांशिकता
मोटापा
फैटी फूड और मसालेदार खाने का सेवन
रक्त में वसा का स्तर ज्यादा होना
मधुमेह या डायबिटीज \sस्टेरॉयड, एस्पिरीन या ट्रेटासिलीन जैसी दवाइयों का लम्बे समय तक सेवन \sपीने के पानी में क्लोरीन की अत्यधिक मात्रा \sवायरल हेपाटाइटिस
फैटी लीवर के लक्षण (Fatty Liver Symptoms in Hindi) (Fatty Liver Symptoms in Hindi)
इसी तरह अगर आपको फैटी लीवर का उपचार करना है तो फैटी लीवर के लक्षणों को शुरुआती अवस्था में समझना होगा। (Fatty liver ke lakshan) चलिये कुछ आम लक्षणों के बारे में पता लगाते हैं-
पेट के दाएँ भाग के ऊपरी हिस्से में दर्द
वजन में गिरावट
कमजोरी महसूस करना
आँखों और त्वचा में पीलापन दिखाई देना
भोजन सही प्रकार से हजम नहीं होना जिसके कारण एसिडिटी का होना
पेट में सूजन होना
बच्चों में फैटी लीवर-बच्चों में फैटी लीवर बहुत कम देखा जाता है। (Metabolic disorder) जंक फूड, चॉकलेट, चिप्स का अधिक सेवन तथा शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण ये समस्या आजकल बच्चों में बढ़ रही है। सबसे पहले आप कोशिश करें कि बच्चे इस बीमारी से ग्रस्त ना हो, लेकिन अगर ऐसी स्थिति आ गई तो आप फैटी लीवर का इलाज करने के लिए इन लक्षणों की पहचान कर सकते हैं।
In Hindi, "Fatty Liver Symptoms" is "Fat Liver Symptoms"-
थकावट होना
पेट दर्द
रक्त में लीवर एन्जाइम्स का बढ़ा हुआ स्तर पाया जाना

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